पिछले बुधवार को लोकसभा ने वित्त विधेयक पास कर
दिया. इसी के साथ ही बजट संबंधी सत्र 2017-18 की प्रक्रिया पूरी हो गई. चूंकि वित्त
विधेयक, धन-संबंधी विधेयक होता है, इसलिए इसे सिर्फ लोकसभा द्वारा पास किया जाना
ज़रूरी होता है, और राज्यसभा से पारित करवाने की आवश्यकता नहीं होती. 1 अप्रैल से
शुरू हो रहे नए वित्त वर्ष के साथ ही इनकम टैक्स (Income Tax) से जुड़े कुछ खास
नियमों में बदलाव हो जाएगा. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट 2017 में इनकम टैक्स
में कई बदलावों की भी घोषणा की थी. वित्त विधेयक में कुछ बदलावों को लोकसभा ने अपनी
मंजूरी दे दी है. ऐसे में आप भी जान लीजिए कि नए वित्त वर्ष यानी 1 अप्रैल से क्या
कुछ बदलने वाला है:
1. ढाई लाख से 5 लाख रुपये के बीच की इनकम वालों
का टैक्स 10 फीसद से घटाकर 5 फीसदी कर दिया जाएगा. हालांकि, सेक्शन 87ए के तहत
मिलने वाली 5000 रुपये की छूट को घटाकर 2500 रुपये कर दी गई है. इतना ही नहीं, जिन
आयकरदाताओं की आय 3.5 लाख रुपये से ऊपर है उनके लिए कोई छूट नहीं है. इसका मतलब यह
होगा कि 3 से 5 लाख रुपए की करयोग्य आय वालों को 7,700 रुपए की बचत होगी, जबकि 5 से
50 लाख रुपए टैक्सेबल इनकम वालों को 12,900 रुपए की बचत होगी.
2. 50 लाख से लेकर एक करोड़ रुपए तक की वार्षिक
आय वाले लोगों को 10 प्रतिशत सरचार्ज देना होगा. (वहीं एक करोड़ रुपए सालाना इनकम
वाले लोगों को पहले की ही तरह 15 प्रतिशत सरचार्ज देना होगा.)
3. पांच लाख रुपए की सालाना आय (व्यावसायिक इनकम
के अलावा) वाले व्यक्तिगत करदाताओं के लिए सुविधा के लिए टैक्स रिटर्न फाइल करने
के लिए एक पेज का फॉर्म पेश किया जाएगा.
4. राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्कीम में निवेश
पर आकलन वर्ष 2018-19 के लिए किसी भी प्रकार का कर लाभ नहीं मिलेगा. इस टैक्स
सेविंग स्कीम की घोषणा वित्त वर्ष 2012-13 में की गई थी. यह योजना प्रतिभूति
बाजार में पहली बार निवेश करने वाले निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की
गई थी.
5. यदि सर्च ऑपरेशन के दौरान 50 लाख रुपए से अधिक
की अघोषित आय या संपत्ति का पता चलता है तो आयकर अधिकारी पिछले 10 साल के कर मामलों
को दोबारा खोल सकते हैं. वर्तमान में कर अधिकारियों को पिछले छह साल के दस्तावेजों
की ही छानबीन करने का अधिकार हासिल है. समय पर अपना रिटर्न फाइल नहीं करने वाले
करदाताओं को आकलन वर्ष 2018-19 के लिए 10,000 रुपए तक का जुर्माना देना पड़ सकता
है. हालांकि, यदि किसी व्यक्ति की कुल आय 5 लाख रुपए से अधिक नहीं है, तो इस धारा
के तहत उस पर अधिकतम जुर्माने की राशि 1,000 रुपए से अधिक नहीं होगी.
7. सरकार ने किराये पर घर देने वालों के कर लाभ
में कटौती कर दी है. मौजूदा कर कानून के मुताबिक किराये पर दी गई संपत्ति के लिए
करदाता रेंटल इनकम को समायोजित करने के बाद होम लोन पर चुकाए जाने वाले संपूर्ण
ब्याज पर टैक्स कटौती का लाभ ले सकता है. अब नए नियम के मुताबिक खुद के रहने वाले
मकान के लिए होम लोन पर ब्याज के भुगतान में 2 लाख रुपए पर टैक्स कटौती का लाभ
मिलेगा लेकिन रेंट पर दी गई प्रॉपर्टी के लिए करदाता रेंटल इनकम एडजस्ट करने के
बाद प्रतिवर्ष केवल 2 लाख रुपए पर ही टैक्स लाभ हासिल कर सकेगा. दो लाख रुपए से
अधिक की राशि को अगले आठ असेसमेंट वर्षों तक आगे ले जाया जा सकेगा.
8. प्रतिमाह 50,000 रुपए से अधिक के किराये का
भुगतान करने वाले व्यक्ति को अब 5 प्रतिशत टीडीएस (स्रोत कर कर) काटना होगा. कर
विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से ऐसे व्यक्ति जिनकी रेंटल इनकम बहुत अधिक है,
वो कर के दायरे में आ जाएंगे. यह नियम एक जून 2017 से प्रभावी होगा.
9. नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) से आंशिक
निकासी/आहरण पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. प्रस्तावित बदलावों के अनुसार, एनपीएस
सब्सक्राइबर्स अपने अंशदान का 25 प्रतिशत हिस्सा रिटायरमेंट से पहले आपातकालीन
स्थिति में निकाल सकेंगे. यह याद रखें कि रिटायरमेंट पर कुल फंड का 40 प्रतिशत
हिस्सा ही कर मुक्त होता है.
10. एक जुलाई से पैन कार्ड बनवाने और इनकम टैक्स
दाखिल करने के लिए आधार नंबर अनिवार्य होगा. सरकार ने कालेधन की रोकथाम के लिए नकद
लेनदेन की सीमा भी 3 से घटाकर अब 2 लाख रुपए कर दी गई है. यदि कोई व्यक्ति दो लाख
रुपए से अधिक का लेनदेन करते पाया जाता है तो उसे इस सीमा से अधिक राशि पर 100
प्रतिशत जुर्माना देना होगा.
The Lok Sabha on Wednesday passed the Finance
Bill, completing the budgetary exercise for 2017-18. Since the Finance Bill is a
Money Bill, it needs only to be cleared by the Lok Sabha. Starting from April 1,
2017, some income tax laws will change. Finance Minister Arun Jaitley had
announced a number of income tax changes in Budget 2017. In addition, some
amendments were also introduced in the Finance Bill that was passed by the Lok
Sabha. Here are some of the changes that income tax payers should note:
1) The tax rate on income between Rs. 2.5 lakh
and Rs. 5 lakh will get halved to 5 per cent from 10 per cent. However, rebate
under Section 87A gets reduced from Rs. 5,000 to Rs. 2,500. And no rebate will
be applicable for taxpayers having income above Rs. 3.5 lakh. This means tax
savings of up to Rs. 7,700 for those with a taxable income between Rs. 3 lakh
and Rs. 5 lakh. And for persons with taxable income between Rs. 5 lakh and Rs.
50 lakh, tax savings of Rs. 12,900.
2) A 10 per cent surcharge will be applicable
for individuals having income ranging from Rs. 50 lakh to Rs. 1 crore (existing
surcharge of 15 per cent will remain the same for individuals having income
above Rs. 1 crore.)
3) A simple one-page form will be introduced
for filing tax return for individuals having a taxable income up to Rs. 5 lakh
other than business income.
4) No deduction will be allowed for investment
in Rajiv Gandhi Equity Saving Scheme from Assessment Year 2018-19. This
tax-saving scheme, announced in the Union Budget for financial year 2012-13, was
designed exclusively for the first-time individual investors in the securities
market with gross total income below a certain limit.
5) Income tax officials can reopen tax cases
for up to 10 years if search operations reveal undisclosed income and assets of
over Rs. 50 lakh. Currently, tax officers can go back up to six years to
scrutinise the books of accounts of assessees. Income Tax payers who do not file
their returns on time will have to shell out a penalty of up to Rs. 10,000 from
Assessment Year 2018-19. However, if the total income of the person does not
exceed Rs. 5 lakh, the fee payable under this section shall not exceed Rs.
1,000.
6) The holding period of a property for
qualifying as long-term gains will be reduced to two years, from three years.
This will help save tax if a property is sold within two years of buying. The
profit from the transaction will be treated as short-term capital gains and will
be taxed according to the slab rate applicable to him/her.
7) The government has cut down tax benefits
borrowers enjoyed on properties let out on rent. As per current tax laws, for
properties rented out, a borrower could deduct the entire interest paid on home
loan after adjusting for the rental income. On the other hand, borrowers of
self-occupied properties get a deduction of Rs. 2 lakh on interest repayment on
home loan.
But on rented properties, the borrower can only
claim a deduction of up to Rs. 2 lakh per year after adjusting for the rental
income. And the amount above Rs. 2 lakh can be carried forward for eight
assessment years. Since the interest component of home loan repaid in initial
years is higher, experts say that the borrower may not be able to fully adjust
the interest paid as deduction even in subsequent years.
8) Individuals will be required to deduct a 5
per cent TDS (tax deducted at source) for rental payments above Rs. 50,000 per
month. Tax experts say that the move will ensure that persons who get a large
rental income come into the tax net. It will be effective from June 1,
2017.
9) Partial withdrawals from National Pension
System (NPS) will not attract tax. According to the proposed changes, NPS
subscribers can withdraw 25 per cent of their contribution to the corpus for
emergencies before retirement. Remember that withdrawal of 40 per cent of the
corpus is tax-free on retirement.
10) Aadhaar number will be a must while
applying for PAN as well as filing of income tax returns from July 1. To curb
black money, the limit on cash transactions has been set at Rs. 2 lakh. The
Finance Bill had originally proposed the cap at Rs. 3 lakh. If a person receives
any sum in contravention of the tax law, he/she will be liable to pay, by way of
penalty, a sum equal to the amount.
SOURCE: NDTV
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